। दोहा ।।
राम नाम सबसे बड़ा, इससे बड़ा न कोय।
अपने बल तो रावण बड़े, जो लंका देवे खोय।

राम गयो वनवास म्हारो ,
लखन गयो वनवास।
चंदा छुप जा रे बादल में ,
म्हारो राम गयो वनवास।

राम बिना म्हारी सुनी अयोध्या ,
लखन बिना ठकुराई।
सीता बिना म्हारो सुनो रसोड़ो ,
कोण करे चतुराई।
चंदा छुप जा रे बादल में ,
म्हारो राम गयो वनवास। टेर।

आगे आगे राम चलत है ,
पीछे लक्मण भाई।
बिच में तो चले जानकी ,
शोभा वरणी न जाई।
चंदा छुप जा रे बादल में ,
म्हारो राम गयो वनवास। टेर।

सावण बरस भादवो बरसे ,
पवन चले पुरवाई।
वृक्ष के निचे तीनो भीगे ,
राम लखन सीता माई।
चंदा छुप जा रे बादल में ,
म्हारो राम गयो वनवास। टेर।

रावण मार राम घर आये ,
घर घर बटत बधाई।
सुर नर मुनिजन करत आरती ,
तुलसीदास जश गाई।
चंदा छुप जा रे बादल में ,
म्हारो राम गयो वनवास। टेर।

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