जिनके मन में बसे श्री राम जी,
उनकी रक्षा करें हनुमान जी ।
जब भक्तों पर विपदा आई,
तब आये हनुमंत गोसाई ।
कृपा राम भक्तो पर करते,
उनकी पीड़ा को हर लेते ।
जय कपीष बलवान की ॥
राम कथा के अद्बुत नायक,
रामदूत भक्तो के सहायक ।
जय जय जय प्रभु हितकारी,
ध्यान करूँ नित मंगलकारी ।
दे दो दर्श हनुमान जी ॥
भक्ति जहाँ श्री राम की होती,
शक्ति वहां हनुमान की होती ।
विघन काल सब दूर मिटाते,
मनोकामना पूरण कराते ।
जय बजरंग महान की ॥
निशदिन करूँ तुम्हारी पूजा,
तुम सम हनुमत कोई ना दूजा ।
बदन सिंधूरी जय कपीष जय,
सन्मुख रहो जुकाऊं शीश मैं ।
जय जय कृपा निधान की ॥
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