कैसे ढूँढू मैं रघुवर पता आपका
रूप माया बना लिया जब घनी रात का

मन भटकते भटकते परेशान है
अब तो केवल बच्चा आसरा आपका

कैसे ढूँढू मैं रघुवर पता आपका
रूप माया लिया जब घनी रात का

सुनता हू उसका जीवन संवर जाता है
जिसपे होती करम की नज़र आपका
रूप माया लिया जब घनी रात का

कैसे ढूँढू मैं रघुवर पता आपका
रूप माया बना लिया जब घनी रात का

अपने चरनो से क्यो दूर रखा मुझे
आप ही से शिकायत आपकी
रूप माया लिया जब घनी रात का

कैसे ढूँढू मैं रघुवर पता आपका
रूप माया बना लिया जब घनी रात का

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