क्या सुख पायो रे राम को विसार के,
विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के….

बचपन की आयु तूने खेल में गवाही रे,
आई जवानी प्यारी लागे घर की नारी रे,
वक्त बुढ़ापा रोया फिर आहे मार के,
विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के….

सारी उम्र का स्टाम किसीने लिखा या नहीं,
जाना है आखिर सबने अमर फल खाया नहीं,
जाना असल घर अपने आप तू सुधार रे,
विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के….

आम मिलेंगे कहां से कीकर जो बोएगा,
धर्मराज लेखा मांगे सिर फोढ रोयेगा,
अब भी गुण गा ले प्रेम कृष्ण मुरारी के,
विषयों में फस के चला जीती बाजी हार के….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह