प्रभु राम का बनके दीवाना छमा छम नाचे वीर हनुमाना,
के के के राम सिया राम जपता है,
मस्त मगन रहता है……

रामजी के सिवा नहीं सूझे कोई दूजा नाम,
रामजी की धुन में रहता है ये आठोंधाम,
चुटकी बजाके खड़ताल बजाता है,
मुख से राम हरी राम धुन गाता है,
जग से होके बेगाना बेगाना बेगाना……

हाथ में लोटा लाल लंगोटा पहना है,
सिंदूरी तन वाले तेरा क्या कहना है,
राम सिया राम नाम ओढ़ के चुनरियाँ,
नाच रहा मस्ती में अवध नगरिया,
भूल गया शरमाना शरमाना शरमाना…….

राम चरन की धूली माथे लगाई है,
मन में छवि श्री राम दिया की बसाई है ,
रामजीके सेवक है बजरंग प्यारे जो,
अपना समय राम सेवा में गुज़ारें जो,
कुंदन करे ना बहाना बहाना बहाना…….

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