राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
जब राम मेरे घर आएंगे, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

मैं चुन चुन कलियाँ लाऊंगी, हांथो से हार बनाऊँगी,
मैं उनको हार पहनाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

मैं चन्दन चौकी बिछाऊँगी, फूलों से उसे सजाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें बिठाउंगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

मैं छप्पन भोग बनाउंगी, हाथों से उन्हें खिलाऊंगी,
मैं प्रेम से उन्हें खिलाऊंगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

मैं रो – रो उन्हें मनाऊंगी, गा -गा कर उन्हें सुनाऊँगी,
मैं अपना हाल बताउंगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

मैं फूलों की सेज बिछाऊँगी, झालर का तकिया लगाउंगी,
मैं उनके चरण दबाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे,
राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर आएंगे…..

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