राम आ गए (भरत मिलाप)

धुन:-मेरी झोंपडी दे भाग आज जाग जाणगे।

फुल कलियाँ आकाश विचों बरस रहे ने ,राम आ गए।
राम नाम दे जयकार पये गज्ज रहे ने ,राम आ गए॥

सिया राम लखन बजरंग ने ,बजरंग ने।
सुग्रीव विभीषण संग ने -ओ संग ने॥
वेख वेख पुष्पयान सब नच्च रहे ने।
राम आ गए……

राम भरत दे होए मिलाप ने ,ओ मिलाप ने।
मिटे अवध दे दुःख संताप ने -संताप ने।।
दिन बनवास वाले आज कट्ट गए ने।
राम आ गए……

फल मेवे मिठाई दियां डालीयाँ -ओ डालीयाँ।
हर पासे आज हो रहियाँ दिवालियां -ओ दिवालियां।।
घर गलियां बाज़ार सब सज रहे ने।
राम आ गए……

सब लोक ने खुशियां मना रहे -ओ मना रहे।
गीत स्वागत दे सब आज गा रहे -ओ गा रहे।।
बाजे-गाजे मधुप आज बज रहे ने -राम आ गए।
राम आ गए…… ।

Author: सुप्रसिद्ध लेखक एवं संकीर्तनाचार्य श्री केवल कृष्ण ❛मधुप❜ (मधुप हरि जी महाराज) अमृतसर

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