साथी भूल ना जाना,
श्री राघव के चरण पकड़कर ।
जीवन सफल बनाना,
साथी भूल ना जाना ।।
राघव के गुणगान से मानव,
भव भय कभी ना आये ।
खाली हाथो कभी ना लौटे,
जो दर उसके जाये ।।
सबकी मंजिल एक है साथी,
सबका रास्ता एक ।
सब मे वो ही समा रहा है,
सबमे उसको देख ।।
साथी भूल ना जाना,
श्री राघव के चरण पकड़कर ।
जीवन सफल बनाना,
साथी भूल ना जाना ।।
उसकी इच्छा के बिन भाई,
हिले ना एक भी पत्ता ।
सारी सृष्टि में है केवल,
उसी राम की सत्ता ।।
सबमें उसकी ज्योति जलती,
सबमे उसको देख ।
सच्चाई पर चलना सीखो,
रहे इरादा एक ।।
साथी भूल ना जाना,
श्री राघव के चरण पकड़कर ।
जीवन सफल बनाना,
साथी भूल ना जाना ।।
बड़ा दयालु ऊपर वाला,
उसको तू पहचान ले ।
वो गरीब का वो अमीर का,
सच्चाई को जान ले ।।
ईसा, गौतम और कबीर में,
सबमे राजेन्द्र देख ।
नाम अनेको उसके प्यारे,
पर वो मालिक एक ।।
साथी भूल ना जाना,
श्री राघव के चरण पकड़कर ।
जीवन सफल बनाना,
साथी भूल ना जाना ।।
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