ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय, xll-ll
भोले बाबा, नाच करत हैं ll, जब मस्ती में आए,,,
ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय, xll-ll
बोलो नीलकंठ की,,, ( जय जय जय )
बोलो डंमरु धारी की,,, ( जय जय जय )
कानो में तेरे, कुंडल सोहे, “माथे चंदा साजे” l
धिनक धिनक धन, नाच करत हैं, “डम डम डंमरु वाजे” ll
गौरां माता, और गणपति*,,, ll, मंद मंद, मुस्काए,,,
ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय, xll-ll
बोलो शंभु नाथ की,,, ( जय जय जय )
बोलो जटाधारी की,,, ( जय जय जय )
तीन लोक के, करता धर्ता, “सब लोगों के स्वामी” l
नंदी गण की, करे सवारी, “शंकर अन्तर्यामी” ll
लीला अपनी, आप ही जाने*,,, ll, समझ ना, हम को आए,,,
ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय, xll-ll
बोलो कैलाश पति की,,, ( जय जय जय )
बोलो त्रिशूल धारी की,,, ( जय जय जय )
नील कंठ, कहलाते भगवन, “ग़ल सर्पों की माला” l
शिव शिव शिव शिव, करे शिव भोले, “कर्मा रोपड़ वाला” ll
कमर सजे, सुंदर मृगशाला*,,, ll, तन पे, भस्म रमाए,,,
ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय, xll-ll
बोलो आशुतोष की,,, ( जय जय जय )
बोलो भोले नाथ की,,, ( जय जय जय )
बोलो शंभु नाथ की,,, ( जय जय जय )
बोलो जटाधारी की,,, ( जय जय जय )
Author: अनिलरामूर्तिभोपाल