भोले भर देते झोली खाली

मेरे भोलेनाथ भंडारी कहलाते है त्रिपुरारी,
ये जिसपर किरपा कर देते, भर देते झोली खाली,
मेरे भोलेनाथ भंडारी……

अमृत को त्याग के भोले, ये पी गए विष के प्याले,
नीलकंठ कहलाये ये अमृत देवो में बांटे,
सच है ये तेरी कहानी, तेरी महिमा सबने जानी,
ये जिसपर किरपा कर देते, भर देते झोली खाली……

माथे पे चंद्र सजाया, और जटा पे गंगा बीराजी,
बाघम्बर है तन औढ़े भोला कैलाश का वासी,
ये चमत्कार है दिखलाता, दुनिया है महिमा गाती,
ये जिसपर किरपा कर देते, भर देते झोली खाली……

भक्तो की विनती सुनकर, ये दौड़े दौड़े आते,
जिसकी नईया भी डूब रही ये उसको पार लगाते,
आनंद तेरी महिमा गाये, तो मिल जायेगी ज्ञाति,
ये जिसपर किरपा कर देते, भर देते झोली खाली

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

इंदिरा एकादशी

बुधवार, 17 सितम्बर 2025

इंदिरा एकादशी
घटस्थापना पूजा

सोमवार, 22 सितम्बर 2025

घटस्थापना पूजा
दशहरा

गुरूवार, 02 अक्टूबर 2025

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025

पापांकुशा एकादशी
अश्विन पूर्णिमा

मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025

अश्विन पूर्णिमा
करवा चौथ

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

करवा चौथ

संग्रह