बोले शंकर.. बोले शंकर गोरा जी से एक दिन,
प्यारी हम भी जनानी बनेंगे, बनेंगे प्यारी हम भी जनानी बनेंगे,
वृंदावन की .. वृंदावन की सुहानी गली में,
देखने रासलीला चलेंगे चलेंगे देखने रासलीला चलेंगे….
बोली गौरा सुनो त्रिपुरारी अक्ल गुम हो गई क्या तुम्हारी,
मर्द से बन रहे हो जनानी,
और कहते हो हम भी चलेंगे,
चलेंगे और कहते हो हम भी चलेंगे,
वृंदावन की .. वृंदावन की सुहानी गली में,
देखने रासलीला चलेंगे चलेंगे देखने रासलीला चलेंगे….
भोला करने लगे तैयारी तन पर बांधी बसंती साड़ी,
कोंधनी नागपुर की कसी है,
देखें शीशे में कैसे लगेंगे, देखें शीशे में कैसे लगेंगे,
वृंदावन की .. वृंदावन की सुहानी गली में,
देखने रासलीला चलेंगे चलेंगे देखने रासलीला चलेंगे….
बोली द्वारे पे ठारी गुजरिया, गौरा लाई हो नई बहुरिया,
इसका घूंघटा उठा कर दिखा दो, देखे भोले जी कैसे लगेंगे,
वृंदावन की .. वृंदावन की सुहानी गली में,
देखने रासलीला चलेंगे चलेंगे देखने रासलीला चलेंगे….
रास में घुस गए भोले शंकर, सामने मिल गए श्याम सुंदर,
भेद छिप ना सका भोले जी का, सोचे भोले जी कैसे बचेंगे,
वृंदावन की .. वृंदावन की सुहानी गली में,
देखने रासलीला चलेंगे चलेंगे देखने रासलीला चलेंगे….
Author: Unknown Claim credit