तर्ज – अनोखी थारी झांकी

सावन की पड़ी फुहार,
मेरे यार,
चल भोले के दर जायेंगे,
चल बाबा के दर जायेंगे,
कांधे पर कांवर लाएंगे,
शिव शंकर से दातार,
चल हर बम बम गाएंगे,
सावन की पड़ी फुहार,
चल भोले के दर जायेंगे……

पहले था मैं कंगाल घणा,
भोले ने करा कमाल घणा,
इब कोठी बंगला कार,
मेरे यार,
चल चलकर दर्शन पाएंगे,
शिव शंकर से दातार,
चल हर बम बम गाएंगे……

तू सुणले जा तू कांवड़ का,
सुना घर था हो ग्यालड़ का,
इब सुखी होया परिवार,
मेरे यार,
भोले की महिमा गाएंगे,
सावन की पड़े फुहार,
मेरे यार,
चल भोले के दर जायेंगे……

एक भाई मेरा कुंवारा था,
अनपढ़ भोला बेचारा था,
बहु आगि बहुत होशियार,
मेरे यार,
मुँह माँगा चलकर पाएंगे,
सावन की पड़े फुहार,
मेरे यार,
चल भोले के दर जायेंगे……

इब हर बाता के ठाट मेरे,
इब उठरयासे धोराट मेरे,
वृत कर सोला सोमवार,
मेरे यार,
यो जीवन सफल बनाएंगे,
सावन की पड़े फुहार,
मेरे यार,
चल भोले के दर जायेंगे…..

सावन की पड़ी फुहार,
मेरे यार,
चल भोले के दर जायेंगे,
चल बाबा के दर जायेंगे,
कांधे पर कांवर लाएंगे,
शिव शंकर से दातार,
चल हर बम बम गाएंगे,
सावन की पड़ी फुहार,
चल भोले के दर जायेंगे……

Author: Unknown Claim credit

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