है कौन बड़ा तुमसे मैया,
ओ त्रिभुवन की प्रतिपाली ।

श्लोक – नमामि दुर्गे, नमामि काली,
नमामि देवी महेश्वरी,
नमामि साक्षात,
परब्रम्ह परमेश्वरी,
नमामि माता सुरेश्वरी ।

है कौन बड़ा तुमसे मैया,
ओ त्रिभुवन की प्रतिपाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

जो ध्यान तेरा करले मन में,
वो जग से मुक्ति पाए,
(जय माँ – ३, जगदम्बे)
तू प्रलयकाल में आकर के,
भक्तो को मात बचाए,
भक्तो को मात बचाए,
अपने भक्तो की करती है,
हर संकट में रखवाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

जब हाहाकार मचा जग में,
सब सुर और नर घबराए,
(त्राहिमाम – ३, दुर्गे)
तब त्राहिमाम माता दुर्गे,
कह देव शरण में आए,
सब देव शरण में आए,
झट महिषासुर वध करने को,
तुमने कृपाण संभाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

तू ममता की भंडार हो माँ,
हो शिव शक्ति रुद्राणी,
(जय माँ – ३, जगदम्बे)
नित सुमिरण करते नाम तेरा,
सारी दुनिया के प्राणी,
सारी दुनिया के प्राणी,
जिसने जो माँगा वर उसको,
तू पलभर में दे डाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

ओ मैया बस तेरी सेवा में ही,
बीते सारा जीवन,
(जय माँ – ३, जगदम्बे)
एक बार दया कर ‘शर्मा’ और,
‘लख्खा’ को दे दो दर्शन,
भक्तो को दे दो दर्शन,
अपने भक्तो की विनती को,
बस तू ही सुनने वाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

है कौन बड़ा तुमसे मैया,
ओ त्रिभुवन की प्रतिपाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली,
जगदम्बे दुर्गे काली,
मेरी मैया शेरावाली ।।

Author: Unknown Claim credit

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