देखो अमरनाथ विच जाके,
भोला बैठा बर्फ जमा के,
लप लप भंग दे गोले खा के,
धूनी तप्दी जांदी आ,
नाम तेरे दी मस्ती,
भोलेया चढ़दी जांदी आ……

गल विच पाया नाग मोटा,
हाथ विच फड्या कुंडी सोटा,
नाले पाया इको लंगोटा,
धूनी तप्दी जांदी आ,
नाम तेरे दी मस्ती,
भोलेया चढ़दी जांदी आ……

गौरा कदम कदम ते रोवे,
भोला सारी रात ना सोवे,
ना नाहवे ना मुह धोवे,
गंगा वगदी जांदी आ,
नाम तेरे दी मस्ती,
भोलेया चढ़दी जांदी आ……

जेहड़ा ले आवे आक धतूरा,
उसदा होवे मनोरथ पुरा,
झोली भरदी जांदी आ,
नाम तेरे दी मस्ती,
भोलेया चढ़दी जांदी आ……

संगत दुरो दुरो आवे,
लोटा भर भर जल चढ़ावे,
महिमा सारे तेरी गावे,
मस्ती चढ़दी जांदी आ,
नाम तेरे दी मस्ती,
भोलेया चढ़दी जांदी आ……

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