शिव महादानी है, वरदानी है,
जग के स्वामी है, अंतर्यामी है,
जो शिव से जोड़े नाता, दुःख निकट ना उनके आता,
ना उनको खौफ सताता, किसी बात का,
नाम जपते जो शंभू भोले नाथ का,
ये बात बिलकुल पक्की, ना छाया पड़ती दुख की,
है मजा लूटते सुख की ओ बरसात का,
नाम जपते जो शंभू भोले नाथ का…..

करो भक्ति भाव से भक्ति, बड़ी शिव नाम में है शक्ति,
जटा जूट वासी जो कैलाश का, तारता है बेड़ा विश्वाश का,
अर्ध चंदा माथे सोहे जिसके, बड़े ही निराले रंग उसके,
ओ अंधी से ना डरते, बेखटके सामना करते है हालत का,
नाम जपते जो शंभू भोले नाथ का…..

इन्हे कोई कहे गंगा धारी है, इनकी ही बैल पे सवारी है,
काशी पति भी है गौरी नाथ भी, रहती है भक्तो के साथ भी,
अमर अजन्मे संन्यासी है, घट घट वासी अविनाशी है,
जो श्रद्धा सुमन पिरोता, उनको ही दर्शन होता उमा नाथ का,
नाम जपते जो शंभू भोले नाथ का…..

समय की बदल देते चाल है, काल के भी काल महाकाल है,
डमरू जब भी ओ बजाते हैं, पापियों के दिल कांप जाते है,
ज्योतिर्लिंग उनके ही रूप है, एक नहीं बारह ही स्वरूप है,
चरणों में माथा टेक तो शिव का नजारा देखे कायनात का,
नाम जपते जो शंभू भोले नाथ का…..

Author: डॉ सजन सोलंकी

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