ओ डमरू वाले,
जीवन है तेरे हवाले,
मैं पापी हो जाऊँ पावन,
चरणों में जो बिठा ले,
ओ डमरू वाले,
जीवन है तेरे हवाले……

दुनिया का सुख पाकर फुला,
नाम तुम्हारा मन से भुला,
दिन दुखी का दुःख ना जाना,
गाता रहा खुशियो का तराना,
आज वही कांटे चुभते है,
आज वही कांटे चुभते है,
कल जो प्यार से पाले,
ओ डमरू वालें,
जीवन है तेरे हवाले……

सर पे बिराजे तेरे गंगा,
कर दे मेले मन को चंगा,
दया दृष्टि हम पर भी कर दो,
भाव भक्ति इस मन में भरदो,
इस जीवन में ज्योत नहीं है,
दीखते नहीं है उजाले,
दीखते नहीं है उजाले,
ओ डमरू वालें,
जीवन है तेरे हवाले……

जनम जनम का अपना नाता,
तू लख्खा का भाग्य विधाता,
मैं हूँ भिखारी और तू दाता,
तू ही पिता बाबा तू ही माता,
पथ से भटक बेधड़क गया था,
पथ से भटक बेधड़क गया था,
तुम बिन कोन संभाले,
ओ डमरू वालें,
जीवन है तेरे हवाले……

Author: लखबीर सिंह लक्खा

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