ओ शिव भोले मेरे, मेरा मन डोले, जागो समाधी गोरा बोले…..

बैठे ओ बाबा मेरे, अखियाँ मुंध के
केह केह के हारी गोरा बोले ना सुन के,
सुनलो बिनंती मेरी, चरणों में बोल के,
जागो समाधी…..

शीश पे गंगे गले पे भुजंगे, डम डम डमरू बोले,
भूत प्रेत संगे औघड़ दानी मेरे लगे भस्म अंगे,
जागो समाधी…..

गोठी बाबा भांग तिहारे पीवे नित भंगे,
भूत नाचे प्रेत नाचे गण नित संगे,
ओ मेरे दयालु भोले सुन मेरे शंकरे,
जागो समाधी…..

जन्म जन्म तेरी दासी बनु मैं,
हर पल तेरे चरण पड़ु मैं,
धरम कहे समाधी खोले शिव बोले,
जागो समाधी…..

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