पुष्प चढ़ाऊं मंदिर मैं जाऊं,
शिव की धुन में, मैं रम जाऊं,
शिव स्तुति मन से मैं गाऊँ,
सत्य ही शिव है सबको बताऊं……….

शिव के ह्रदय श्री राम है बसते,
राम ह्रदय शिव जी है बस्ते,
दोनों बसते मेरे ह्रदय में,
शिव शंकर ही हनुमत मेरे…………

त्रेता युग में हनुमत बन के,
प्रभु श्री राम के भक्त कहाये,
द्वापर युग में योगी बनकर,
बाल कृष्ण से वे मिल आये….

संकट जब धरती पे आया,
भोले ने है सबको,
नीलकंठ वे हैं त्रिपुरारी,
उनसे होती भक्ति पूरी,
शिव के ह्रदय श्री राम है बसते,
राम ह्रदय शिव जी है बस्ते ,
दोनों बसते मेरे ह्रदय में,
शिव शंकर ही हनुमत मेरे………….

कालों के काल ये महाकाल हैं,
मृत्युंजय हैं मेरे शंकर,
गंगाधर है वो है दिगंबर,
बड़े कृपालु, वो हैं शिवेश्वर…

शिव के ह्रदय श्री राम है बसते,
राम ह्रदय शिव जी है बस्ते,
दोनों बसते मेरे ह्रदय में,
शिव शंकर ही हनुमत मेरे………

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