बाबा आँगन पधारो , दरबार सजायो थारो ,
करूँ विनती मैं बारम्बार,
म्हाने दर्शन दयो एक बार. . . .

जोत जगाई बैठया म्हे थारी,
बेगा पधारो हे अवतारी॥
थारो नाम धजा बन्द धारी ,
थारी महीमा है नयारी,
करा बैठया म्हे थारी मन वार
म्हाने दर्शन दयो एक बार. . . .

फ़ुला सेज थारी सजाई,
भादुडे री दुज है आईं ॥
आओ आओ हे अवतारी,
आँगन भीड़ लागी है भारी,
बाबा भगता री सुन लयो पुकार,.
म्हाने दर्शन दयो एक बार. . . .

घोड़लीय चड बेगा आओ,
भगता नै बाबा दर्श दिखाओ ॥
थारो “आदिवाल” है गावै ,
महिमा भगता ने सुनावै ,
करो सगला रो बेड़ो पार. . . .
म्हाने दर्शन दयो एक बार.

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