तर्ज -परदेसियों से ना अंखिया मिलाना
भज ले हरी को एक दिन तो है जाना,
जीवन को यदि सफल बनाना,
भज ले हरी को एक दिन तो है जाना……
किसका गुमान करे कुछ भी ना तेरा,
किसका गुमान करे कुछ भी ना तेरा,
दो दिन का है ये रेन बसेरा,
दो दिन का है ये रेन बसेरा,
खाली हाथ आया है और खाली हाथ जाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना……..
पांच तत्व की बनी तेरी काया,
पांच तत्व की बनी तेरी काया,
काया में तेरे हरी है समाया,
काया में तेरे हरी है समाया,
उसे ढूंढने को नही दूर है जाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना……..
ये धन दौलत माल खजाना,
ये धन दौलत माल खजाना,
जिसपे हुआ है तू इतना दीवाना,
जिसपे हुआ है तू इतना दीवाना,
आज है तेरा कल का नही है ठिकाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना…….
हरी नाम की एक ज्योति जगा ले,
हरी नाम की एक ज्योति जगा ले,
जो कुछ किया है उसे तू भुला दे,
जो कुछ किया है उसे तू भुला दे,
दास कहे गर मुक्ति जो पाना,
भज ले हरी को एक दिन तो है जाना…………
Author: Unknown Claim credit