( राम नाम रटते रहो,
जब तक घट में प्राण,
कभी तो दीनदयाल के भनक पड़ेगी कान। )
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा॥
तू कहता है मेरी काया,
काया का गुमान क्या,
तू कहता है मेरी काया,
काया का गुमान क्या,
चाँद सा सुन्दर ये तन तेरा,
मिट्टी में मिल जायेगा,
फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा॥
वहाँ से क्या तू लाया बन्दे,
यहाँ से क्या ले जायेगा,
वहाँ से क्या तू लाया बन्दे,
यहाँ से क्या ले जायेगा,
मुट्ठी बांध के आया बन्दे हाथ पसारे जायेगा,
फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा॥
बालापन में खेल्या खाया,
आयी जवानी मस्त रहा,
बालापन में खेल्या खाया,
आयी जवानी मस्त रहा,
बूढ़ापन में रोग सताये,
हाट पड़ा पछतायेगा,
फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा॥
जपना है सो जप ले बन्दे,
आखिर तो मिट जायेगा,
जपना है सो जप ले बन्दे,
आखिर तो मिट जायेगा,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
करनी का फल पायेगा,
करनी का फल पायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा,
नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा रे,
फिर पीछे पछतायेगा रे,
फिर पीछे पछतायेगा…..
Author: Unkonow Claim credit