भोले तेरे पर्वत पर कैसी छा रही छटा निराली है

ओ भोले तेरे पर्वत पर कैसी छा रही छटा निराली है,
डम डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है….

ओ भूत प्रेत संग में नाचे तेरे, भारी धूम मचाई है,
काले सिद्ध नाग तेरे गल में, प्यारी छठा दिखाई है,
सीस पे तेरे गंगा सोहे, कानन कुंडल बाली है,
डम डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है….

ओ तीन लोक के नाथ हे स्वामी, तुम ही अन्तर्यामी हो,
जगतपिता परमेश्वर तुम ही, सारे जग के स्वामी हो,
दुखियो के दुःख हरने वाले, वचन ना जाए खाली है,
डम डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है….

ओ गौरा मईया संग आपके, जोड़ी लगे महान आपकी,
भांग धतूरा घुट मार के, मस्त मगन में ध्यान दिखे,
‘विकास चौधरी’ बाबा तेरे दर का सवाली है,
डम डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है….

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