लक्ष्मी मंत्र

लक्ष्मी मंत्र
मंत्र का अर्थ होता है एक ऐसी ध्वनी जिससे मन का तारण हो अर्थात मानसिक कल्याण हो जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ अर्थात मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है। वेदों में शब्दों के संयोजन से इस प्रकार की कल्याणकारी ध्वनियां उत्पन्न की गई। इसी प्रकार बीज मंत्र, मंत्रों का ही वह लघु रुप हैं, जो मंत्र के साथ लगाने से उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। कुल मिलाकर बीज मंत्र को मंत्र का प्राण कहा जा सकता है।

यदि इन बीज मंत्रों का अर्थ खोजें तो यह सीधे-सीधे समझ नहीं आता, लेकिन इनके उच्चारण से आंतरिक शक्तियां विकसित होती हैं। इन मंत्रों के प्रभाव से आपके आस-पास एक सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है।

देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। आज के युग में बिना धन-वैभव मनुष्य का जीवन अधूरा होता है। कलयुग में जिन देवों को सर्वाधिक पूजा जाता है उनमें लक्ष्मी जी एक हैं। देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के कुछ आसान मंत्र निम्न हैं:

1. मॉं लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
Om Hreem Shreem Lakshmibhayo Namah॥

2. मॉं महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
Om Shreem Hreem Shreem Kamale Kamalalaye Praseed Praseed
Om Shreem Hreem Shreem Mahalakshmaye Namah॥

3. मॉं लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
Om Shree Mahalakshmyai Cha Vidmahe Vishnu Patnyai Cha Dheemahi
Tanno Lakshmi Prachodayat Om॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन
श्रावण पूर्णिमा

शनिवार, 09 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी

शनिवार, 16 अगस्त 2025

कृष्ण जन्माष्टमी
अजा एकादशी

मंगलवार, 19 अगस्त 2025

अजा एकादशी
हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज

संग्रह