हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय
दास आ गयो शरण में रखियो म्हारी लाज
धन्य ढूंढारो देश हैं खाटू नगर सुजान
अनुपम छवि मेरे श्याम की, दर्शन से कल्याण
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम

श्याम श्याम तो मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम
खाटू नगर के बीच में बण्यों आपको धाम
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम

फाल्गुन शुक्ला द्वादशी उत्सव भारी होए
मेरे बाबा के द्वारे से खाली जाये न कोय
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम
लज्जा सब की रखियो खाटू के बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम

पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर
सब भक्तन की विनती दर्शन देवो हुजूर
आलू सिंह तो प्रेम से धरयो श्याम को ध्यान
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम बाबा श्याम

Author: Lakhbir Singh Lakkha

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