आओ गजानंद जी तुम्हें प्रथम मनाएंगे,
मेवे और लड्डुओं का हम भोग लगाएंगे….
मूषक पे चढ़ाआना रिद्धि सिद्धि को संग लाना,
चरणों में तेरे प्रभु हम पलके बिछाएंगे,
आओ गजानंद जी तुम्हें प्रथम मनाएंगे…..
सब वेदों के ज्ञाता हो तुम भाग्य विधाता हो,
शुभ लाभ के प्यारे हम गुण तेरे गाएंगे,
आओ गजानंद जी तुम्हें प्रथम मनाएंगे…..
कीर्तन की तैयारी है यही अर्जी हमारी है,
कुक्की करे विनती तुम्हें दिल से रह जाएंगे,
आओ गजानंद जी तुम्हें प्रथम मनाएंगे…..
Author: Unknown Claim credit