गजानन रे गजानना

गजानन रे गजानना गजानन रे गजानना,
चूम चूम के चरण पकड़ विघन हरन के चरण पकड़
गजानन रे गजानना

भागो चुथारिती आई है मंडप ज्योत जगाई है
श्री गनराजा आन विराजो मंगल वेला छाई है,
गजानन रे गजानना

चरण धरो प्रभु आसन पर
शोबित हो सिंगासन पर,
मेवा मोदक धुर्व नारियल भोग लगाओ हे त्रिभुवन,
चूम चूम के चरण पकड़ विघन हरन के चरण पकड़
गजानन रे गजानना

शिव शंकर पार्वती जो को भी संग में लाना रे,
रिधि सीधी लाभ शुभ को मंडप में ले आना रे,
मोशक बन आ जाओ देवा स्वागत में जमाना रे,
चूम चूम के चरण पकड़ विघन हरन के चरण पकड़
गजानन रे गजानना

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