तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर
गजानंद तुम्हारे चरणों में,
एक प्रेम पुजारी आया है,
एक प्रेम पुजारी आया है,
तेरे द्वार भिखारी आया है…..
मेरे हाथो में फूलो की माला है,
ये तुझे पहनाने आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है……
मेरे हाथो में जल का लौटा है,
ये तुम्हे नहलाने आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है….
मेरे हाथ में चंदन की प्याली है,
ये तिलक लगाने आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है…..
मेरे हाथ में मोदक मिश्री है,
ये भोग लगाने आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है…..
मेरे हाथ में तेरी माला है,
तेरा नाम जपन को आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है…..
एक प्रेम पुजारी आया है,
तेरे द्वार भिखारी आया है,
गजानंद तुम्हारे चरणो में,
एक प्रेम पुजारी आया है……….
Author: Unknown Claim credit