पवित्र दिवस पावन बहुत है मन में बड़ा सुहास,
आज कृष्णपक्ष की चतुर्थी है भाद्रपद मास,
गणपति जी के जन्म का मनाते सब उल्लास,
श्रद्धा भक्ति हृदय में रखकर अति विश्वास,
प्रथम वंदन कर पुकारते गजानन अपने निवास,
विघ्नहर्ता तब पधारते करने विघ्नों का नाश,
छल कपट नहीं जिस हृदय उसमें करते वास,
राजा रंक ऋषि मुनि पूजें आपको देव दरवेश,
विघ्न सभी के हरिये मिटाइए मन के क्लेश,
छल कपट रहित हो हृदय मन में ना रहे द्वेष,
सुखों का मूल आप हो कारक श्री गणेश,
आइए पधारिए कीजिए नाथ हमारे यहाँ प्रवेश,
आइए कीजिए स्वामी ‘राजीव’ के यहाँ प्रवेश॥

Author: राजीव त्यागी

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