गणपति पधारो ताता थैया करते,
ताता थैया करते,
ठुमक ठुमक पग धरते,
गणपति पधारो ताता थैया करते,
आप के पधारने से,
बिगड़े काम संवरते,
गणपति पधारो ताता थैया करते,
ताता थैया करते॥
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे,
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे।
केवड़ा गुलाब जल से,
खूब धोया आंगणा,
चन्दन की चौकी ऊपर,
मखमल का बिछावना,
पार्वती लाला आकर,
आसन लगाइये,
रिद्धि और सिद्धि को भी,
संग लेकर आइये,
होके प्रसन्न विध्न,
आप ही तो हरते,
गणपति पधारों,
ताता थैया करते,
ताता थैया करते,
ठुमक ठुमक पग धरते….
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे,
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे।
वक्रतुण्ड है गजाननन है,
शिव के दुलारे लाल,
शीश पे सुन्दर मुकुट विराजे,
गल मोतियन की माल,
एक दन्त चार भुज है,
केसर तिलक है ढ़ाल,
मूसे की सवारी,
वेश अद्भुत है विशाल,
दयावान हाथो से तेरे,
माणक मोती झरते,
गणपति पधारो,
ताता थैया करते,
ताता थैया करते,
ठुमक ठुमक पग धरते….
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे,
मोरेया रे बप्पा मोरेया रे।
आओ गणराज कहाँ,
सूरत छिपा ली है,
पान पुष्प मेवा लाये,
लडुवन की थाली है,
भक्तो की विनती प्रभु,
कभी नहीं टाली है,
कमल सरल ने प्रीत,
आपसे लगा ली है,
अन्न धन के भंडार हो देवा,
लख्खा के हो भरते,
गणपति पधारो,
ताता थैया करते,
ताता थैया करते,
ठुमक ठुमक पग धरते,
गणपति पधारो ताता थैया करते,
आप के पधारने से,
बिगड़े काम सँवरते,
गणपति पधारो,
ताता थैया करते,
ताता थैया करते,
ठुमक ठुमक पग धरते……
Author: लखबीर सिंह लक्खा