गणपति राखो मेरी लाज
( सदा भवानी दाहिनी, सिद्धि करे गणेश,
पांचो देव रक्षा करें, ब्रह्मा विष्णु महेश l )
“गणपति राखो, मेरी लाज” ll
*पूर्ण कीजो, मेरे काज xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज” ll -ll
सदा रहे खुशहाल, गणपति लाल, जो प्रथमें “तुम्हे ध्याए” l
रिद्धि सिद्धि के दाता, ओ भाग्य विधाता, वो तुमसे “सब कुछ पाए” ll
*विनती सुनलो, मेरी आज, xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
*हो पूर्ण कीजो, मेरे काज xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
कभी ना टूटे आस, मेरा विश्वाश, मैं आया “शरण तुम्हारी” l
हे शम्भू कैलाश, प्रभु कृपाल,
तेरी है “महिमा न्यारी”* ll
*तेरी दया का, मैं मोहताज, xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
*पूर्ण कीजो, मेरे काज xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
मूर्ख को दे ज्ञान, सभा में मान, हो निर्बल “भी बलशाली” l
गौरी पुत्र प्यारे, जगत से न्यारे है तेरी “शान निराली” ll
*तीन लोक में, तुमरा राज़, xll,,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
*हो पूर्ण कीजो, मेरे काज xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
जिसके सर पे हाथ, हो तेरा नाथ, उसे फिर “कैसा डर है” l
जपे जो तेरा नाम, सुबह और शाम, तो उसका “नाम अमर है” ll
*सब देवों के, तुम सरताज, xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
*हो पूर्ण कीजो, मेरे काज xll,,,
“गणपति राखो, मेरी लाज”
Author: अनिलरामूर्तिभोपाल