गणराज रंगि नाचतो नाचतो,
पायि घागर्‍या करिती रुणझुण,
नाद स्वर्गि पोचतो….

कटि पीतांबर कसुन भर्जरी,
बाल गजानन नर्तनास करी,
तुंदिल तनु तरि चपल साजिरी,
लावण्ये साजतो…

नारद तुंबरु करिती गायन,
करी शारदा वीणावादन,
ब्रह्मा धरितो तालहि रंगुन,
मृदंग धिमि वाजतो……

देवसभा घनदाट बैसली,
नृत्यगायने मने हर्षली,
गौरीसंगे स्वये सदाशिव,
शिशुकौतुक पाहतो…

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