हे गौरी नंदन हे शिवजी के लाल, सबसे पहले तुमको मेरा प्रणाम है,
जाने कितने रूप जाने कितने नाम, तू ही किशन कन्हैया तू ही राम है….

आसन लगाए बैठे है लेकर के तेरा नाम,
आ जाओ गौरी नंदना करने को पूरे काम,
प्यासे दर्शन के तेरे लाल है,तेरे ही चरणों में चारो धाम है,
जाने कितने रूप जाने कितने नाम…

आष्ठ विनायक देवता करते है ध्यान तेरा,
दिखते नहीं है रास्ते, है दूर तक अंधेरा,
सुमिरन करते है वंदन करते है, कब से पुकारे बीते आठों याम है,
जाने कितने रूप जाने कितने नाम…

दुखियो के दुःख हारते पापी का पाप हारते,
करते निहाल जिनपे नजरे करम की करते,
एक करम करदो अपने दास पर,खुश हो जाए मेरा मन जो उदास है,
जाने कितने रूप जाने कितने नाम…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह