जय हो गोरी के गणराजा रिधि सीधी के महाराजा,
टालो टालो हमारे विघन
हम तो आये तुम्हारे शरण
जय हो गोरी के गणराजा रिधि सीधी के महाराजा,

शीश जुकाए फूल चडाए तेरे गुण को गाये गे,
देदे शक्ति हम को इतनी भो सागर तर जायेगे,
तेरी लीला सब से न्यारी तेरी महिमा जग में भारी,
टालो टालो हमारे विघन
हम तो आये तुम्हारे शरण
जय हो गोरी के गणराजा रिधि सीधी के महाराजा,

हंस वाहनी वीणा वागनी विद्या की वरदानी है
जिस पे किरपा कर दे तू माता वो ही जग में ग्यानी है
भगती भाव भरा जीवन हो तेरे रंग में रंगा तन मन हो
टालो टालो हमारे विघन
हम तो आये तुम्हारे शरण
जय हो गोरी के गणराजा रिधि सीधी के महाराजा,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह