मंगल के दाता रउआ बिगड़ी बनाईं जी,
गौरी के ललना हमरा अंगना में आईं जी,
आसन लगाई आके शोभा बढ़ाईं जी,
गौरी के ललना…..

सब देवता में रउआ पहिले पुजाइले,
भक्तन की टेर सुनी देर न लगाइले,
मुस पर सवार होके दरश दिखाईं जी,
गौरी के ललना…..

जहां रउआ जाई अन धन बरसेला,
सिद्ध होला काज सब विघन कटेला,
शुभ लाभ रिद्धि सिद्धि संग में ले आईं जी,
गौरी के ललना…..

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