आ गये गौरा के प्यारे होए क्या बात हो गई,
मूसा वाले से यूँ ही मुलाकात हो गई ।।

बुद्धि के दाता वो भाग्य विधाता,
उनको जो ध्याता सुख पाता,
सुख देते हैं वो दुख हर लेते,
विद्या बुद्धि से सबकी झोली भर देते,
जिनने ध्याया उन्हें ,
सुख की बरसात हो गई
मूसा वाले से यूँ ही मुलाकात हो गई।।

मंगलकारी हैं बड़े हितकारी,
महिमा प्रभु की निराली,
सूँड़ लंबी है और काया भारी है,
नैन रतनारे उनकी छवि प्यारी है,
काली काली ये राते अब बरसात हो गई,
मूसा वाले से यूँ ही मुलाकात हो गई।।

दीन दयाला है वो एक दन्त वाला,
लंबोदर गज मुख वाला,
माथे चंदन मुकुट सर पे प्यारा है,
राजेन्द्र पावन भी उनका सबसे न्यारा है
उनके दर्शन से क्या करामात हो गई।
मूसा वाले से यूँ ही मुलाकात हो गई।।

आ गये गौरा के प्यारे होए क्या बात हो गई,
मूसा वाले से यूँ ही मुलाकात हो गई ।।

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