ओ गणेशा

एक दो तीन चार गणपति तेरी जय जय कार,
पांच छे साथ आठ गणपति तेरी क्या बात,
विघ्नों का तू है हरता दुनिया का है करता धरता,
दुःख निवारण तू है बड़ा भगतो से है प्यार करता,
सुन दुनिया के राजा मेरे घर भी आजा
दिल में विराजे तू हमेशा
ओ गणेशा इ गणेशा ओ गणेशा,

देवा तू तो मन की जाने,
कष्टों को तू पहचाने मैं भी आया हु तुमको मनाने ,
इक दंत तू है दया वंत तू है
तेरी चार बुजाओ में दुनिया सारी,
सुन दुनिया के राजा मेरे घर भी आजा
दिल में विराजे तू हमेशा
ओ गणेशा इ गणेशा ओ गणेशा,

Author: Unknown Claim credit

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