विनती सुनलो मेरे गणराज , आज भक्ति क़ा फल दीजिये ,
पहले तुमको मनाता हूँ मै, देवा कीर्तन सफल कीजिए ।
हे गोरिनंदन, हे गणराया, प्रथम पूज्य होने क़ा वरदान पाया,
भगतों के संग मिलकर, आपको मनाऊ ,
चरणों मे तेरे देवा, हाजरी लगाऊ,
लाज रखना हमारी प्रभु, काज मेरे सकल कीजिए,
पहले तुमको मनाता हूँ मै, देवा कीर्तन सफल कीजिए।
विधाता भी हारा है प्रभु तेरे आगे, करु कैसे कीर्तन फिर आपको भुलाके ,
दास समझ के देवा मुझे भी निहारो, हे रिद्धि सिद्धि स्वामी जीवन सवारो,
विद्द्या बुद्धी क़ा वरदान भी, देवा मुझको अटल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै, देवा कीर्तन सफल कीजिए।
मंगल मूर्ती बनके मंगल करते, चिंतामन बनके चिंताएं हरते
जहाँ विघ्नहर्ता हो तुम, विघ्न नही आते,
सिद्धि विनायक हो तुम, सिद्धि लुटाते
तेरे दर्शन सुबह शाम हो, जिंदगी में वो पल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ, देवा कीर्तन सफल कीजिए।
Author: Unknown Claim credit