अब मारी सुरता भजन मे लागी

( मूरख नै समझावतां, ग्यान गांठ रो जाय।
कोयलो हुवै न ऊजलो, सौ मण साबुण लाय।। )

सतगुरु मिलिया पागी ,
अब मारी सुरता भजन मे लागी।

जङी बूटी ओखद कारी ,
दवा दारू सब त्यागी।
तंतर मंतर जंतर सारा ,
लाजी बाजी हम त्यागी।
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
सतगुरु मिलिया पागी….

पोती पुस्तक ज्योतक सारा ,
बाछ बाछ ने त्यागी।
तीर्थ व्रत नेम रा बधंन ,
सेवा पूजा हम त्यागी।
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
सतगुरु मिलिया पागी….

कुदरत रा खेल कुदरत से होवे ,
मत भूलो बङभागी।
धीरे धीरे सब कुछ होवे ,
मन री कल्पना त्यागी।
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
सतगुरु मिलिया पागी….

सतगुरु मिलिया संचय टलिया ,
भेद भ्रम सब भागी।
कहे हेमनाथ सुणो भाई संतों ,
निर्भय हुआ बङभागी।
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
सतगुरु मिलिया पागी….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह