मेरे गुरु जी दया करदो अपनी संगत नु दर्शन दो
सब ते किरपा गुरु जी करदो अपनी संगत नु दर्शन दो,

बड़े मंदिर ते द्वार खोल दो अपने भगता ते किरपा करो,
कट देयो दुखा दी एह झड़ी,अपनी संगत नु दर्शन दो,

तेरे दर्शन नु मन लोचदा बार बार मैं ता एह सोचदा,
सब्दा राखा इक तू ही अपनी संगत नु दर्शन दो,

तेरा नाम लेके तर जाना तेरे चरना च सुख पाना,
हे अरदास सुनो सब दी अपनी संगत नु दर्शन दो,

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