बिना बईल गेरी गाड़ी गुरु सिंगाजी न
बिना बईल गेरी गाड़ी रे
हो आसी राजा का द्वार पर ठाड़ी गुरु सिंगाजी न
बिना बईल गेरी गाड़ी रे
रस्ता चलंता जेको मरम नी जाण्या
गुरु सिंगा की लीला नी पहिचाण्या
देखी रहया नैना उघाड़ी गुरु सिंगाजी न
बिना बइल गेरी गाड़ी रे
निर्गुण पंत गुरु सिंगा को निरालो
आपणा भक्त न को छे रखवालो
असो निर्जीव दियो चलाड़ी गुरु सिंगाजी न
बिना बइल गेरी गाड़ी रे
गुरु सिंगा की लीला बड़ी न्यारी
श्रंगी ऋषि का छे अवतारी
या पूंजी थी रे पुराणी गुरु सिंगाजी न
बिना बइल गेरी गाड़ी रे
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