चिठियाँ नी आउंदियाँ मैनु तेरी चिठियाँ नी आउंदियाँ,
दिन रात याद तेरी सताती रही,
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही…
सब को तूने दिया भुलावा सारे पोहंच गये दर पे,
मुझको तू बस ये बतादे तुझ बिन दिन कैसे काटू,
रोते हुये दिल को मनाती रही,
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही…
मेला आया द्वार सजा है मेरा दिल वीरान है,
श्याम का प्रेमी क्यों रो रहा है दुनिया ये हैरान है,
फिर भी ये मूरत तेरी सजाती रही,
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही….
तेरे दर की प्यारी झांकी दुनिया में मशहूर है,
मुझको इस से दूर क्यों रखा मेरा क्या कसूर है,
सांवरिया मैं तेरा शूकर मनाती रही,
सारी रात तेरी याद मुझको आती रही….
चिठियाँ नी आउंदियाँ मैनु तेरी चिठियाँ नी आउंदियाँ,
दिन रात याद तेरी सताती रही,
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही….
Author: Unknown Claim credit