गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,
खाली झोली लेके आवा
भर भर लेके जावा
गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,
वेह्डा हूँ ते पार करो जी बचेया ते उपकार करो जी
कण कण विच तेनु मैं पावा
गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,
सतगुरु दर ते जो भी आवे
वो कंकर हीरा बन जावे
तेरे दर तो उमीदा लावा
गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,
शिव शिव तुम हिरदये से बोलो
मन मंदिर के परदे खोलो
हर जन्म तेरे दर आवा
गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,
Author: Unknown Claim credit