तेरे गुण बहुते, मैं एक ना जाणिया,
मैं मुर्ख किछ दीजै,
धन नानक, सुण मेरे साहिबा,
दुबदा पत्थर लीजै,

कौन जाने गुण तेरे,
कौन जाने गुण तेरे,
ऊंचे अपार बेअंत स्वामी,
ऊंचे अपार बेअंत स्वामी,
कौन जाने गुण तेरे,
कौन जाने गुण तेरे…….

गावत ऊधरे सुनते ऊधरे,
गावत ऊधरे सुनते ऊधरे,
बिनसे पाप घनेरे,
ऊंचे अपार बेअंत स्वामी,
कौन जाने गुण तेरे,
कौन जाने गुण तेरे……

पशु परेत मुगद को तारे,
पशु परेत मुगद को तारे,
पाहन पार उतारे,
ऊंचे अपार बेअंत स्वामी,
कौन जाने गुण तेरे,
कौन जाने गुण तेरे……

नानक दास तेरी सरनाई,
नानक दास तेरी सरनाई,
सदा सदा बलिहारै,
ऊंचे अपार बेअंत स्वामी,
कौन जाने गुण तेरे,
कौन जाने गुण तेरे ,

Author: Unknown Claim credit

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