लड़ लगिया दी तोड़ निभाइयो गुरु जी
लड़ लगिया दी

तेरे बिना होर न सहारा कोई दिसदा
मल्ला मैं द्वारा जा के होर दस किसदा
मेनू अपने दरो न ठुकराइयो गुरु जी
लड़ लगिया दी …

मन च वसाईया मैं ता तुसा दे प्यार नु
तरसन अखा बस तुसा दे दीदार नु
एहना अखियाँ दी प्यास बुजाईयो गुरु जी
लड़ लगिया दी …

मन दे मंदिर वाले बूहे मैं ता खोल के
विच तुसा नु बिठाया सारी दुनिया क टोल के
सहनु हरपल चरना च लाइयो गुरु जी
लड़ लगिया दी …

हथ जोड़ सतगुरु करा अर्जोई मैं
जींद तेरे नाम वाली माला च परोई मैं
मेनू अपने दरो न ठुकराइयो गुरु जी
लड़ लगिया दी

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