मेरे सिर पर सिंगा जबरा
आरे वो सदा करत रहु मुजरा

जहाँज वान ने तुमको सुमरा
आरे वो डुबी जहाँज लई उबरा

अंतःकरण की तुम ही जाणो
आरे गुरू तुम कारण मे उबरा

झाबूआ देश भादरसिंग राजा
आरे गुरू उसने तुमको सुमरा

देव श्री की मोटी महीमा
आरे वो मेला भरीयाँ गेहरा

कुवार महिना पुरण मासी
आरे वहा मेला भरीयाँ गेहरा

कहे जण दल्लू सुणो भाई साधू
आरे गुरू राखो चरण के हजरा

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह