आया तेरा जनम ढ़िहाड़ा गूंज रहा आज आलम सारा,
करके सब दा पार उतारा किता दुख दा नाश,
पालकी आई सतगुरु दी विच बैठे गुरु रविदास,

आजो सारे शीश झुका लो मुहो मंगियां मुरादा पा लो,
सतगुरु मेरे वंड दे दाता सारे झोली आन भरा लो,
जानी जान जो सब दे दिल दे भूल चूक करदे माफ़,
पालकी आई सतगुरु दी विच बैठे गुरु रविदास,

किनी सोहनी पालकी लगदी,
चढे रुमाल वाली फबदी,
माँ कलसा दे लाल दुलारे न देख आँख न रज दी,
सनी माना तलवंडी करदा चरना विच अरदास,
पालकी आई सतगुरु दी विच बैठे गुरु रविदास,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पापमोचनी एकादशी

मंगलवार, 25 मार्च 2025

पापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रि

रविवार, 30 मार्च 2025

चैत्र नवरात्रि
गुड़ी पड़वा

रविवार, 30 मार्च 2025

गुड़ी पड़वा
उगादी

रविवार, 30 मार्च 2025

उगादी
चेटी चंड

सोमवार, 31 मार्च 2025

चेटी चंड
राम नवमी

रविवार, 06 अप्रैल 2025

राम नवमी

संग्रह