सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो
शुभ कर्म करके पुण्य का जीवन बीज वोह लो,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो

जीवन का इक इक पल अनमोल है खजाना,
इनमे से इक पल भी नहीं लौट के है आना,
आनत रस से अपना अंताहरण भी घोलो,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो

गुरु की ये निशानी मीठी सी उसकी वाणी,
मीठे से बोल मेरे गुरु की झलक सुहानी,
बोलो तो मीठे बोले अमृत हिर्दय में घोलो,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो

बीती का गम तू ना कर वो मिट गया अँधेरा,
खुलती यहाँ से आंखे होता वह सवेरा
मेरे घर गुरु पधारे अंतर् के नैन खोलो,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो

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