ढोलक वजदी छैने वजदे नचदे भगत प्यारे,
भंगड़ा पाउंदे ने नवे साल ते सारे…..

सतगुरू जी दे भगता ने आज रल के जगन रचाया,
जगमग होई किना सोहना मंदिर है सजाया,
संगत आई देन बधाईआं झूम रहे ने सारे,
भंगड़ा पाउंदे ने नवे साल ते सारे…..

हारा वाले ने खोलया साडी किस्मत दा है ताला,
मस्ती में आज घूम रहा है दास ये तेरा प्यारा
हारा वाले मेहरा वाले सबदे बेड़े तारे,
भंगड़ा पाउंदे ने नवे साल ते सारे…..

नवे साल ते संगता ने सतगुरु जी दा दर्शन पाया,
करी बिनती सच्चे मन नाल गुरा दा दर्शन पाया,
दर्शन कर लो झोलियां भर लो, खुल गए ने पंडारे,
भंगड़ा पाउंदे ने नवे साल ते सारे…..

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