सतगुरु तुम्हारे प्यार ने,
जीना सीखा दिया है,
हमको तुम्हारे प्यार ने,
इन्सां बना दिया है॥

रहते है जलवे आपके,
नज़रों में हर घड़ी,
मस्ती का जाम आपने,
ऐसा पिला दिया है,
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने…..

भुला हुआ था रास्ता,
भटका हुआ था मैं,
किस्मत ने मुझको आपके,
काबिल बना दिया है,
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने…..

जिस दिन से मुझको आपने,
अपना बना लिया,
दोनों जहां को दास ने,
तबसे भुला दिया है,
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने…..

जिसने किसी को आज तक,
सजदा नहीं किया,
वो सर भी मैंने आपके,
दर पे झुका दिया है,
सतगुरु तुम्हारे प्यार ने…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

संग्रह