स्वामी टेऊॅंराम जहिड़ों दातारु ब्यो को नाहे
स्वामी टेऊॅंराम जहिड़ों, दातारु ब्यो को नाहे,
दुख दर्द सभ मिटाए गमटारु ब्यो को नाहे,
आधार ब्यो॒ को नाहे….
अड़यनि जो आ आधारो, निबलनि जो बलु आ सांई,
दीननि दुख्यनि जो जग में आधारु ब्यो को नाहे…..
टिन ताप पंज कलेशनि विषयुन पंजनि तपायो,
दिल ततल खे जो ठारे, दिलठारु ब्यो को नाहे…..
अवगुण दि॒से न कंहिंजा (दाता) दृष्टी दया जी धारे,
अहिड़ी महर मया जो भण्डारु ब्यो को नाहे…..
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